Description
गंगा आरती : हमारी भारतीय परम्परा में गंगा, गायत्री, गौ, गुरु और गीता का एक विशेष महत्त्व बतलाया गया है। गंगा के महत्त्व के विषय में अनेक सद्ग्रन्थों में उल्लेख मिलता है। गंगा की पवित्र नदी में प्राचीन काल से ही सन्त, महात्मा, ऋषि, मुनि तपस्यादि किया करते रहे हैं। गंगा की पवित्रता में अनेक ऋषियों ने अपने जीवन को महान् बनाया है। इसी पवित्र गंगा की आरती करने का प्रावधान भी प्राचीन ही है। प्राचीन काल से गंगा के तट पर योग, जप, तप, अनुष्ठान आदि शुभ कार्य ऋषियों ने किया है। गंगा के जल के समान विश्व में अन्य कोई और पवित्र जल नहीं है ऐसा माना जाता है। गंगाजल के परमाणुओं में बुद्धि को बढ़ाने वाला, मस्तिष्क को पवित्र करने वाला सूक्ष्य औषधीय गुण है जिसका आभास सन्तों ने किया है। इसीलिए गंगा आरती पवित्र भावना से युक्त होकर आस्थावान लोग करते आये हैं। गंगा आरती में वैदिक मंत्र के द्वारा विशेष रूप से प्रार्थना किया जाता है। इसमें सामूहिक रूप से अनेक पुरोहित एवं सहयोगी सम्मिलित होते हैं और एक साथ मिलकर वैदिक मंत्रों द्वारा ईश्वर-प्रार्थना करते हैं।
Reviews
There are no reviews yet.