Description
आयुष यज्ञ: भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर वेद में अनेक प्रकार के यज्ञों का प्रावधान बतलाया गया है। यज्ञ-प्रक्रिया में आयुष-यज्ञ एक विशेष प्रकार का यज्ञ है जिसके अन्दर वैदिक मंत्रों के माध्यम से व्यक्ति के उत्तम एवं सुंदर स्वास्थ्य की कामना एवं दीर्घायु जीवन के लिए विशेष प्रार्थना परमात्मा से की जाती है। आयुष-यज्ञ के अन्दर वेद के ऐसे विशेष मंत्र प्रयोग में लिये जाते हैं जो ऋषियों ने आयु-वर्द्धक, स्वास्थ्य-वर्द्धक के रूप में अनुभव के आधार पर वैज्ञानिक तरिके से प्रतिपादित किया है। इस यज्ञ को करने में लगभग दो से तीन घंटा समय लगता है। यदि किसी प्रकार का असामान्य रोग हो, शरीर में औषधी सही तरीके से कार्य नहीं कर पा रहा हो, जीवन-आयु को लेकर मन में हमेशा भय बना रहता हो तो ऐसी दशा में यह आयुष-यज्ञ अत्यन्त लाभकारी होगा। इस यज्ञ में महामृत्यंुजय मंत्र के साथ-साथ आयु एवं स्वास्थ्य संबंधी वैदिक मंत्रों के द्वारा विशेष रूप से औषधियों का चयन करके यज्ञ किया जाता है। इस यज्ञ को व्यक्ति स्वयं के लिए, तथा अपने परिवार के लिए करा सकता है। यज्ञ की वैदिक प्रणालि से हमें शीघ्र लाभ प्राप्त होता है इसमें किसी प्रकार का संदेह नहीं है। इसलिए जो भी दीर्घायु जीवन की कामना रखते हैं एवं जो उत्तम स्वास्थ्य की कामना रखते हैं वे सभी इस विशेष ‘आयुष-यज्ञ’ के द्वारा शीघ्र लाभ प्राप्त कर अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। हमारे ऋषियों ने यज्ञ की विधि वैज्ञानिकता के साथ हमारे कल्याण के लिए ही बनाई है। मुख्य रूप से इस यज्ञ को जन्म-दिवस के अवसर पर अथवा रोग की दशा में या सामान्य दिनों में भी करा सकते हैं। यज्ञ में दक्षता प्राप्त किये अनुभवी पुरोहितों के द्वारा यज्ञ कराया जाता है जिससे यज्ञमानों के जीवन में लक्ष्य-विशेष की प्राप्ति शीघ्र हो जाती है। वैज्ञानिक ढंग से यज्ञ सम्पादन करना एवं यज्ञमान की उत्तम कामना को पूर्ण करने हेतु विशेष प्रार्थना करना ही हमारा लक्ष्य है।
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